
ज्योलिंकांग की बर्फीली वादियों में रविवार की सुबह कुछ अलग ही थी। तापमान था माइनस, हवा में ठंड की चुभन और ऊंचाई पर ऑक्सीजन भी कम… लेकिन धावकों का जोश आसमान को छू रहा था। पहली बार आदि कैलाश क्षेत्र (14,435 फीट) में हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन आयोजित होने पर मानो पूरा हिमालय गवाह बन गया — साहस, रोमांच और जज़्बे का।
22 राज्यों से पहुंचे 700 धावक — सबसे छोटे 14 साल के, सबसे बड़े 67 साल के
उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस अल्ट्रा मैराथन में देशभर से लगभग 700 प्रतिभागी शामिल हुए।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा ने हरी झंडी दिखाकर इस ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत की।
विजेता:
पुरुष वर्ग — दिगंबर सिंह (लस्यारी, चमोली) — 60 km | 4h : 44m
महिला वर्ग — मीनाक्षी नेगी (पौड़ी गढ़वाल) — 60 km | 5h : 43m
सभी विजेताओं व प्रतिभागियों को कार्यक्रम के समापन पर सम्मानित किया गया।
सीमांत क्षेत्रों में विकास की दिशा — CM धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:
> “सीमा क्षेत्रों में विकास हमारी प्राथमिकता है।
ऐसे आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था और एडवेंचर टूरिज्म दोनों को गति देंगे।
आने वाले समय में उत्तराखंड साहसिक खेलों का वैश्विक हब बनेगा।”
माइनस 2°C में जज़्बा कायम बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच:-
>फुल मैराथन
>हाफ मैराथन
>फन रन भी आयोजित किए गए।
कड़कड़ाती ठंड में युवाओं, महिलाओं और बुजुर्ग प्रतिभागियों का जोश देखने लायक था।



