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सोना-चांदी बाजार में उछाल — जानिए क्यों बढ़ रही हैं कीमतें!!

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पिछले कुछ महीनों में सोना और चांदी दोनों ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहली बार सोने की कीमत $4,000 प्रति औंस के पार पहुंच गई है, जबकि भारत में 10 ग्राम शुद्ध सोने की दर ₹1,30,000 को पार कर चुकी है। चांदी के दामों में भी तेजी जारी है, जिससे निवेशक दोनों धातुओं में भारी मुनाफा कमा रहे हैं।

भारत में सोने की कीमतों का नया अध्याय:

भारत में सोने का भाव अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। जनवरी 2025 में जहां 10 ग्राम सोना ₹77,700 के आसपास था, वहीं अब यह ₹1,30,000 से ऊपर बिक रहा है — यानी एक साल में 51% से अधिक की बढ़त। इसके बावजूद भारतीय निवेशकों की रुचि में कोई कमी नहीं आई, बल्कि इसे वे सुरक्षित निवेश का सबसे भरोसेमंद साधन मानते हैं।

केंद्रीय बैंकों की बड़ी खरीदारी:

विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2025 में केंद्रीय बैंकों ने कुल 19 टन सोना खरीदा, जो जुलाई के मुकाबले लगभग दोगुना है। बदलते वैश्विक आर्थिक हालात और गिरती ब्याज दरों के कारण बैंकों ने अपने भंडार को सोने से मजबूत करने की रणनीति अपनाई है।

शेयर बाजार से ज्यादा रिटर्न:

पिछले 15 वर्षों में सोने ने घरेलू शेयर बाजार की तुलना में अधिक स्थिर और आकर्षक रिटर्न दिया है। हर आर्थिक संकट — चाहे 2008 की मंदी हो या 2020 की महामारी — में सोना निवेशकों के लिए ‘सेफ हेवन’ बना रहा है।

रुपये की गिरावट से दोहरा फायदा:

भारतीय रुपये की कमजोरी और डॉलर के उतार-चढ़ाव ने भी सोने के दामों को ऊपर धकेला है। इसका फायदा उन निवेशकों को मिला है जिन्होंने पहले से सोने में निवेश कर रखा था — अब उनके निवेश की वैल्यू दोगुनी हो चुकी है।

चांदी की चुपचाप चमक:

जहां सोने पर सभी की नज़र है, वहीं चांदी भी रिकॉर्ड रिटर्न दे रही है। पिछले एक साल में सिल्वर फंड्स ने औसतन 77% का रिटर्न दिया है, जो गोल्ड फंड्स से ज्यादा है। इसका बड़ा कारण है औद्योगिक मांग और लगातार घटती सप्लाई।

औद्योगिक मांग और खदानों की कमी:

चांदी का लगभग दो-तिहाई उपयोग उद्योगों में होता है — खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों, सोलर पैनलों और इलेक्ट्रॉनिक्स में। कई तांबा और जस्ता खदानों के बंद होने से चांदी की आपूर्ति घटी है, जिससे इसके दाम और बढ़ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह लगातार पांचवां वर्ष है जब वैश्विक स्तर पर चांदी की कमी देखी जा रही है।

भविष्य में क्या रुख रहेगा?

आर्थिक अनिश्चितता, राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी को देखते हुए, निकट भविष्य में सोने और चांदी दोनों के दामों में गिरावट की संभावना बहुत कम है। निवेशक और केंद्रीय बैंक दोनों ही इन बहुमूल्य धातुओं को ‘सुरक्षित निवेश’ के रूप में प्राथमिकता दे रहे हैं।

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