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एलयूसीसी घोटाले की परतें खुलीं: 37 शाखाओं से करोड़ों की ठगी, अब सीबीआई कसेगी शिकंजा

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एलयूसीसी चिटफंड घोटाले का जाल उत्तराखंड में 2017 से फैलना शुरू हुआ था, जब कंपनी के मालिक समीर अग्रवाल ने राज्य में कदम रखते ही तेजी से नेटवर्क खड़ा किया। 2018 में ऋषिकेश में पहली शाखा खोली गई और कुछ ही वर्षों में यह काम इतना बढ़ा कि कंपनी ने 9 जिलों में 37 शाखाएं स्थापित कर लीं। शुरुआत में निवेशकों को नियमित और आकर्षक रिटर्न दिया गया, जिससे लोगों का भरोसा बढ़ता गया।
कई निवेशक तो खुद एजेंट बनकर दूसरों के करोड़ों रुपये भी इस नेटवर्क में जोड़ते चले गए।

लेकिन 6 साल बाद कहानी का असली चेहरा सामने आया—रिटर्न बंद हुए, शाखाएं सूनी पड़ने लगीं और आखिरकार पता चला कि यह एक बड़ा वित्तीय घोटाला था। ठगी का खुलासा होते ही हजारों लोग अपने निवेश की वापसी की मांग को लेकर जिलास्तर से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक धरना-प्रदर्शन करने लगे। बढ़ते दबाव के चलते राज्य सरकार ने एसआईटी बनाई, लेकिन अब केस की गंभीरता देखते हुए इसे सीबीआई को सौंप दिया गया है।

सीबीआई करेगी गहन जांच:

>हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे हर स्तर पर सीबीआई को सहयोग करें। सभी दस्तावेज, केस फाइलें और रिपोर्ट्स जल्द ही केंद्रीय एजेंसी के हवाले की जाएंगी।

>देहरादून स्थित सीबीआई शाखा में यह मामला दर्ज किया गया है और इसकी जांच की जिम्मेदारी निरीक्षक अजय कुमार मिश्रा को सौंपी गई है। केवल एफआईआर ही 158 पेज की है, जबकि अब तक 18 अलग-अलग केसों की जांच में पुलिस ने हजारों पन्नों का रिकॉर्ड जुटाया है।

श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ भी जांच के दायरे में:

इस घोटाले के 46 आरोपियों की सूची में बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ के नाम भी शामिल हैं। दोनों कभी कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे, और उनके प्रचार को देखकर कई लोगों ने निवेश किया था।
सीबीआई दोनों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल अब भी फरार:

>घोटाले का मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल बीते दो सालों से फरार है। सूत्रों के अनुसार वह दुबई में छिपा हुआ है और वहीं से अपना नेटवर्क चला रहा है।

>हालांकि कई राज्यों में उसकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया गया है और लुकआउट नोटिस जारी है, लेकिन रेड कॉर्नर नोटिस अब तक घोष‍ित नहीं किया जा सका है।

>यह घोटाला उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी चिटफंड धोखाधड़ी मानी जा रही है, और अब उम्मीद है कि सीबीआई की जांच से पूरा सच उजागर होगा।

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