
नाथुला पास के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से होगी शुरू
करीब पांच साल के लंबे अंतराल के बाद नाथुला पास (सिक्किम) के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से दोबारा शुरू होने जा रही है, जिससे हजारों श्रद्धालुओं को एक बार फिर यात्रा का अवसर मिलेगा।
यह यात्रा 2020 में पहले कोविड-19 महामारी के कारण रोकी गई थी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सैन्य गतिरोध के चलते इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, नाथुला मार्ग को फिर से खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यह मार्ग उत्तराखंड के लिपुलेख मार्ग की तुलना में कम कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें श्रद्धालुओं को अधिकतर दूरी वाहन से तय करने का विकल्प मिलता है। इससे विशेषकर बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर श्रद्धालुओं के लिए यात्रा आसान होती है।
भारत और चीन के बीच बेहतर समन्वय और कूटनीतिक समझ के साथ इस मार्ग को दोबारा खोलने का निर्णय सीमावर्ती धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
करीब पांच साल के लंबे अंतराल के बाद नाथुला पास (सिक्किम) के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से दोबारा शुरू होने जा रही है, जिससे हजारों श्रद्धालुओं को एक बार फिर यात्रा का अवसर मिलेगा।
यह यात्रा 2020 में पहले कोविड-19 महामारी के कारण रोकी गई थी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सैन्य गतिरोध के चलते इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, नाथुला मार्ग को फिर से खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यह मार्ग उत्तराखंड के लिपुलेख मार्ग की तुलना में कम कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें श्रद्धालुओं को अधिकतर दूरी वाहन से तय करने का विकल्प मिलता है। इससे विशेषकर बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर श्रद्धालुओं के लिए यात्रा आसान होती है।
भारत और चीन के बीच बेहतर समन्वय और कूटनीतिक समझ के साथ इस मार्ग को दोबारा खोलने का निर्णय सीमावर्ती धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।