
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में अब रोज़ाना होंगे श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक अहम शैक्षिक निर्णय लेते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में प्रतिदिन श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों के पाठ को अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय ज्ञान को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ते हुए छात्रों में नैतिक मूल्यों और संस्कारों का विकास करना है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, गीता के श्लोकों का उच्चारण हर दिन की प्रार्थना सभा में किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे विद्यार्थियों को श्लोकों का सही अर्थ और उनसे जुड़ी शिक्षाएं समझा सकें।
राज्य सरकार का मानना है कि श्रीमद्भगवद्गीता में निहित ज्ञान, धर्म, कर्म और आत्मचिंतन से संबंधित गूढ़ विचार आज के विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। यह पहल “भारतीय जीवन मूल्यों को शिक्षा से जोड़ने” की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय को शिक्षा के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समन्वय की दिशा में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह पहल नई पीढ़ी को भारतीय परंपराओं से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।



