पोलैंड में तेजी से घट रही आबादी, जन्म दर ऐतिहासिक स्तर पर पहुँची; बढ़ी जनसांख्यिकीय चिंता!!

यूरोपीय देश पोलैंड इस समय गंभीर जनसंख्या संकट से गुजर रहा है। देश में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या लगातार घट रही है, जबकि मृत्यु दर और विदेश पलायन बढ़ता जा रहा है। पोलैंड के सरकारी सांख्यिकी कार्यालय (GUS) द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक वर्ष में देश की कुल आबादी लगभग 1.58 लाख कम हुई है, जिसके बाद आबादी घटकर 37.38 मिलियन रह गई है।
इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं—कम जन्म दर, युवाओं का विदेश जाना और देश में आने वाले नए प्रवासियों की संख्या बहुत कम होना। यह स्थिति केवल आंकड़ों का बदलाव नहीं, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक संरचना के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
जन्म दर में रिकॉर्ड गिरावट:
रिपोर्ट बताती है कि जनवरी से सितंबर 2025 के बीच सिर्फ 1.81 लाख बच्चों का जन्म हुआ, जो पिछले साल की तुलना में करीब 11,000 कम है। जन्म दर घटकर 6.5% पर पहुंच गई है, जो पोलैंड के इतिहास में सबसे निचले स्तरों में से एक है।
इसके साथ ही, कुल प्रजनन दर (TFR)—यानी एक महिला अपने जीवन में औसतन कितने बच्चे जन्म देती है—1.11 दर्ज की गई है।
जबकि स्थिर जनसंख्या बनाए रखने के लिए यह दर 2.1 होनी जरूरी होती है। युवा परिवार बनाने से बच रहे
विशेषज्ञों के अनुसार:
>आर्थिक अस्थिरता
>महंगाई
>नौकरी के अवसरों की कमी
>और देर से विवाह
जैसे कारणों ने लोगों को बच्चे पैदा करने के निर्णय को टालने पर मजबूर किया है।
2024 में पहली बार मां बनने की औसत उम्र 29.1 वर्ष हो गई, जबकि 1990 में यह 22.7 वर्ष थी। यानी लोग परिवार शुरू करने में अब पहले से कहीं ज्यादा देर कर रहे हैं। आर्थिक प्रभाव भी गंभीर
कम होती आबादी का सीधा असर पड़ेगा:
>देश के श्रम बाजार पर
>पेंशन सिस्टम पर
>और स्वास्थ्य सेवाओं पर
कामकाजी उम्र के लोगों की संख्या कम होने से भविष्य में आर्थिक विकास पर दबाव बढ़ेगा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो आने वाले समय में पोलैंड को श्रमिकों की भारी कमी और सामाजिक व्यवस्था में असंतुलन का सामना करना पड़ सकता है।



