कर्नाटक में गन्ना आंदोलन भड़का: किसानों ने 15 ट्रैक्टर जलाए, हाईवे जाम—मूल्य विवाद ने लिया उग्र रूप

कर्नाटक के बागलकोट, विजयपुरा और मुदोल इलाके में गन्ना किसानों का आंदोलन गुरुवार को अचानक हिंसक रूप ले गया। उचित मूल्य ₹3,500 प्रति टन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नाराज़गी जताते हुए फैक्टरी यार्ड में खड़ी कम से कम 15 गन्ना-लोडेड ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया।
सरकार द्वारा पिछले हफ्ते घोषित ₹3,300 प्रति टन के फॉर्मूले को बेलगावी के किसान मान चुके हैं, लेकिन बागलकोट और विजयपुरा के किसान इसे “अवैज्ञानिक और अनुचित” बताते हुए विरोध जारी रखे हुए हैं।
बेलगावी में 29, बागलकोट में 14 और विजयपुरा में 10 शुगर मिलें संचालित हैं, जिन पर इस विवाद का सीधा असर पड़ा है।
महालिंगपुर और समीेरवाड़ी में तनाव चरम पर:
अफवाहें फैलने के बाद कि एक फैक्ट्री ने गन्ने की क्रशिंग शुरू कर दी है जबकि मूल्य विवाद अभी सुलझा नहीं, किसान गुस्से में आ गए और समीरवाड़ी स्थित गोदावरी फैक्ट्री का घेराव कर दिया। इसी बीच ट्रैक्टर जलाने की घटनाएँ सामने आईं।
महालिंगपुर के संगनट्टी क्रॉस इलाके में भी आगजनी की खबरें आईं।
किसानों का कहना है कि “रिकवरी प्रतिशत” को आधार बनाकर मूल्य तय करना तर्कसंगत नहीं है, और यह किसानों के हित में नहीं है।
किसान नेता मुत्तप्पा कोमार ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व आंदोलन को बदनाम करने के लिए हिंसा कर रहे हैं।
हाईवे जाम, ट्रैफिक ठप:
जमखंडी तालुक के सिद्धापुर के पास किसानों ने हुब्बली–सोलापुर हाईवे को जाम कर दिया, जिसके कारण यातायात घंटों प्रभावित रहा। कुछ गाँवों – हूनूर और हु्ल्याल – में भी सड़कें अवरुद्ध रहीं।
बागलकोट के किसान पहले भी सरकारी मूल्य फॉर्मूले को नकारते रहे हैं। उनका कहना है कि मूल्य तय करना मिल मालिकों और किसानों के बीच आपसी सहमति से होना चाहिए।



