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हांगकांग में 30 साल की सबसे बड़ी त्रासदी: हाई-राइज़ बिल्डिंग में आग, 36 की मौत और सैकड़ों लापता

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हांगकांग में बुधवार का दिन बेहद दर्दनाक साबित हुआ, जब उत्तरी ताई पो जिले में बने ऊँचे आवासीय टावरों में लगी भीषण आग ने शहर को दहला दिया। यह आग हांगकांग के पिछले 30 वर्षों की सबसे घातक घटना बन गई है। प्रशासन के अनुसार 36 लोगों की मौत हो चुकी है और 279 लोग अब भी लापता हैं।

आग इतनी तेजी से फैली कि 32 मंज़िला वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की कई मंज़िलें धुएँ और लपटों में घिर गईं। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग इमारतों के अंदर फंसे रह गए। सैकड़ों दमकलकर्मी रातभर राहत कार्य में जुटे रहे, जबकि आसपास रहने वाले लोग सदमे में घटनास्थल को निहारते रहे।

आग के फैलने की एक बड़ी वजह इमारतों पर लगी बांस की स्कैफोल्डिंग और हरे रंग की कंस्ट्रक्शन मेश को माना जा रहा है—यह पुरानी चीनी निर्माण शैली का हिस्सा है, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे मार्च से हटाया जा रहा है।

पुलिस ने आग की घटना को गंभीर अपराध मानते हुए तीन लोगों को गैर-इरादतन हत्या  के आरोप में गिरफ्तार किया है।

दमकल दल को ऊपरी मंज़िलों तक पहुँचने में अत्यधिक गर्मी के कारण खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हांगकांग के मुख्य कार्यकारी जॉन ली ने पुष्टि की है कि मृतकों में एक दमकलकर्मी भी शामिल है। अस्पतालों में 29 घायल इलाज करा रहे हैं, वहीं लगभग 900 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है।

एक 71 वर्षीय निवासी, श्री वोंग, अपने आंसू रोक नहीं पाए और बताया कि उनकी पत्नी अब भी अंदर फंसी हुई है। वहीं 66 वर्षीय हैरी चेउंग, जो चार दशकों से यहाँ रह रहे हैं, बोले—
“ज़ोरदार धमाका हुआ और कुछ ही सेकंड में आग फैल गई। मुझे समझ नहीं आ रहा कि आज रात कहाँ ठहरूँगा।”

हांगकांग में इस भयावह हादसे के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि “जी-जान लगाकर” राहत और बचाव कार्य चलाया जाए।

लपटों से घिरी इमारतों से बांस की पूरी फ्रेमिंग नीचे गिरती देखी गई, जबकि सड़कों पर फायर ट्रक और एंबुलेंस की लंबी कतार लगी रही।

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