
23 वर्षीय सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी शहीद, साथी सैनिक को बचाते समय तेज बहाव में बह गए
सिक्किम में तैनात 23 वर्षीय भारतीय सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने अपने साथी सैनिक को बचाते हुए वीरगति प्राप्त की। यह दुखद घटना शुक्रवार को सामने आई जब लेफ्टिनेंट तिवारी ने एक तेज बहाव वाली पहाड़ी धारा में कूदकर एक अग्निवीर को बचाने का साहसिक प्रयास किया।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, लेफ्टिनेंट तिवारी सिक्किम स्काउट्स रेजिमेंट में तैनात थे और एक रणनीतिक स्थान पर टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जहां भविष्य की तैनाती के लिए तैयारी चल रही थी। सुबह करीब 11 बजे, अग्निवीर स्टीफन सुब्बा एक लकड़ी के पुल को पार करते समय फिसल गए और तेज धार में बहने लगे।
लेफ्टिनेंट तिवारी ने बिना एक पल गंवाए धार में छलांग लगाई और उन्हें बचाने की कोशिश की। उनके साथ नायक पुकार काटेल ने भी पानी में उतरकर मदद की। दोनों ने मिलकर अग्निवीर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
लेकिन इस प्रयास के दौरान लेफ्टिनेंट तिवारी खुद तेज बहाव में बह गए। गश्ती दल ने तुरंत उन्हें खोजने की कोशिश की और लगभग आधे घंटे बाद उनका शव करीब 800 मीटर नीचे पाया गया।
भारतीय सेना ने उनके इस बलिदान को सलाम करते हुए कहा, “उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।” केवल छह महीने पहले कमीशन पाए लेफ्टिनेंट तिवारी ने भारतीय सेना के मूल सिद्धांतों—निःस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और नेतृत्व के आदर्श—का एक सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया।
उनकी शहादत इस बात की गवाही है कि सेना में अधिकारी और जवानों के बीच का रिश्ता केवल युद्ध तक सीमित नहीं होता, बल्कि हर परिस्थिति में एक गहरी भावना से जुड़ा होता है।