सऊदी अरब का ‘निओम’ प्रोजेक्ट संकट में: महात्वाकांक्षी “द लाइन” परियोजना को झेलनी पड़ रही है निर्माण और पर्यावरण संबंधी चुनौतियाँ

सऊदी अरब का ‘निओम’ प्रोजेक्ट संकट में: महात्वाकांक्षी “द लाइन” परियोजना को झेलनी पड़ रही है निर्माण और पर्यावरण संबंधी चुनौतियाँ
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान एक भव्य और भविष्यवादी शहर “निओम” के निर्माण का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसकी अनुमानित लागत 500 अरब डॉलर है। यह शहर पूरी तरह से शून्य प्रदूषण वाला (Zero-pollution) होगा। इस परियोजना की सबसे खास विशेषता है “द लाइन” — यह एक 170 किलोमीटर लंबा शहर होगा, जो दो गगनचुंबी इमारतों के भीतर बनाया जाएगा। ये इमारतें एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से भी ऊँची होंगी।
हालांकि इस परियोजना का उद्देश्य आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाना है, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे लेकर कई चिंताएं जताई हैं। जलवायु वैज्ञानिक डोनाल्ड वेब्ब्ल्स, जो इस परियोजना के सलाहकार हैं, ने चेतावनी दी है कि “द लाइन” स्थानीय मौसम को प्रभावित कर सकती है और तेज हवाओं व रेतीले तूफानों की आशंका बढ़ा सकती है।
निर्माण संबंधी चुनौतियों के कारण निओम प्रोजेक्ट को कई बार देरी और लागत बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा है। पहले लक्ष्य था कि 2030 तक “द लाइन” के 16 किमी हिस्से का निर्माण हो जाए, लेकिन अब यह घटाकर केवल 2.4 किमी कर दिया गया है। इसमें भी एक छोटा भाग, जिसमें एक स्टेडियम शामिल है, 2034 तक पूरा होने की संभावना है।
एक बड़ी बाधा है इन गगनचुंबी इमारतों की ऊँचाई — लगभग 1,640 फीट। कुछ अधिकारियों ने लागत कम करने के लिए ऊँचाई को 1,000 फीट तक घटाने का सुझाव दिया था, लेकिन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस विचार को ठुकरा दिया और निर्देश दिया कि अन्य क्षेत्रों में लागत में कटौती की जाए।
निओम भले ही एक क्रांतिकारी परियोजना हो, लेकिन फिलहाल यह वित्तीय, निर्माण और पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रही है।