कनाडा में उत्तर अमेरिका की सबसे ऊँची भगवान श्रीराम की प्रतिमा का अनावरण, सनातन संस्कृति की गूंज विदेशों तक!!

कनाडा में उत्तर अमेरिका की सबसे ऊँची भगवान श्रीराम की प्रतिमा का अनावरण, सनातन संस्कृति की गूंज विदेशों तक
रविवार, 4 अगस्त 2025 को कनाडा में एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण देखने को मिला जब मिसिसॉगा, ओंटारियो स्थित हिंदू हेरिटेज सेंटर में उत्तर अमेरिका की सबसे ऊँची भगवान श्रीराम की प्रतिमा का भव्य अनावरण किया गया। इस समारोह में हजारों श्रद्धालुओं, गणमान्य अतिथियों और राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया।
51 फीट ऊँची प्रतिमा बनी संस्कृति की पहचान
यह प्रतिमा 51 फीट ऊँची है, जिसके साथ 7 फीट का चबूतरा और प्रस्तावित छत्र (छाया) और जोड़ी जाएगी। यह प्रतिमा अब पश्चिमी जगत में सनातन धर्म की एक भव्य और स्थायी पहचान बन गई है। इसे दिल्ली में फाइबरग्लास और स्टील की सुपरस्ट्रक्चर से तैयार किया गया है। इसे 200 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं को झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी आयु 100 वर्षों से अधिक आंकी गई है।
चार वर्षों का समर्पण और निर्माण
इस परियोजना को सफल बनाने में चार वर्षों का समय लगा और इसका पूरा श्रेय इंडो-कैनेडियन व्यवसायी लाज प्रशर की उदार दानशीलता को जाता है। यह मूर्ति भारत में बनाई गई और कनाडा में पारंपरिक कारीगरों और आधुनिक इंजीनियरिंग के सहयोग से स्थापित की गई।
राजनीतिक और आध्यात्मिक हस्तियों की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक समारोह में कनाडा की महिला और लैंगिक समानता मंत्री रेची वाल्डेज़, ट्रेज़री बोर्ड के अध्यक्ष शफकत अली, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनींदर सिद्धू, और हाउस ऑफ कॉमन्स में कंज़र्वेटिव पार्टी के अंतरिम नेता एंड्रयू शीर जैसे राजनीतिक दिग्गज शामिल हुए।
मनींदर सिद्धू ने “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ लोगों को संबोधित किया और इस ऐतिहासिक मूर्ति स्थापना को गर्व का क्षण बताया। भारत सरकार की ओर से कार्यवाहक काउंसल जनरल कपिध्वज प्रताप सिंह ने भाग लिया और भारत-कनाडा के सांस्कृतिक संबंधों को और मज़बूत बताया।
“समुदाय को एक आध्यात्मिक भेंट”
हिंदू हेरिटेज सेंटर के संस्थापक और मुख्य पुजारी आचार्य सुरिंदर शर्मा शास्त्री ने इस मूर्ति को केवल कला का प्रतीक नहीं बल्कि एक “आध्यात्मिक भेंट” बताया। उन्होंने कहा,
“यह मूर्ति हमें सदैव धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।”
अयोध्या की प्रेरणा विदेशों तक
यह आयोजन अयोध्या में वर्ष 2024 में राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन से प्रेरित होकर किया गया था और अब उसकी दिव्य ऊर्जा कनाडा की धरती पर भी महसूस की जा रही है।
जय श्रीराम की गूंज के साथ, यह ऐतिहासिक दिन उत्तर अमेरिका में सनातन संस्कृति और श्रद्धा की एक नई शुरुआत बन गया।




