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भारतीय रेल ने सतत यात्रा (Sustainable Travel) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश की पहली 70-मीटर लंबी हटाई जा सकने वाली सोलर पैनल प्रणाली का शुभारंभ किया है।!!

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वाराणसी, भारत, 19 अगस्त 2025, दोपहर 12:25 बजे (IST)

भारतीय रेल ने सतत यात्रा (Sustainable Travel) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश की पहली 70-मीटर लंबी हटाई जा सकने वाली सोलर पैनल प्रणाली का शुभारंभ किया है। यह प्रणाली 15 अगस्त 2025 को वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) में रेलवे ट्रैकों के बीच स्थापित की गई। 28 पैनलों से बनी यह यूनिट 15 किलोवाट-पीक (kWp) क्षमता रखती है और इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि ट्रेन संचालन में कोई बाधा न आए। यह पहल भारतीय रेल के 2030 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

यह सोलर पैनल सिस्टम कंक्रीट स्लीपर्स पर एपॉक्सी एडहेसिव और रबर पैड्स की मदद से लगाया गया है, जिससे यह ट्रेनों के कंपन को सह सके। यह अनुमानित रूप से प्रति किलोमीटर सालाना 3.21 लाख यूनिट (kWh) हरित ऊर्जा उत्पन्न करेगा। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसका हटाने योग्य डिज़ाइन है, जिससे रखरखाव और संचालन के दौरान इसे आसानी से हटाया या समायोजित किया जा सकता है—जो पारंपरिक स्थायी इंस्टॉलेशन से अलग है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे भारतीय इंजीनियरिंग और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया और कहा कि इसे देश के 1.2 लाख किलोमीटर लंबे रेलवे नेटवर्क पर भविष्य की ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जाएगा।

हालाँकि, आलोचकों का कहना है कि 15 kWp की क्षमता अपेक्षाकृत कम है और इसे विभिन्न इलाकों में लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सोशल मीडिया पर जहाँ एक ओर लोग इस पर्यावरण-हितैषी पहल की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि फिलहाल यह पहल प्रतीकात्मक ज़्यादा है और परिवर्तनकारी कम।

 

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