भारत की नौसेना को मिला पहला स्वदेशी युद्धपोत ‘आईएनएस माहे’!!

भारत की आत्मनिर्भरता को नई गति देते हुए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने भारतीय नौसेना को पहला स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC) ‘INS माहे’ सौंपा है। यह आठ युद्धपोतों की श्रृंखला का पहला जहाज है, जिसे पूरी तरह देश में डिजाइन और निर्मित किया गया है। इस डिलीवरी से नौसेना की तटीय जलक्षेत्रों में पनडुब्बी-रोधी क्षमताएं और भी सशक्त होंगी।
डिलीवरी समारोह कोच्चि में आयोजित किया गया, जहां सीएसएल के निदेशक (ऑपरेशंस) डॉ. एस. हरिकृष्णन और ‘माहे’ के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर अमित चंद्र चौबे ने औपचारिक हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ स्टाफ ऑफिसर (टेक्निकल) रियर एडमिरल आर. अधिश्रीनिवासन, कोच्चि के वारशिप प्रोडक्शन सुपरिंटेंडेंट कमोडोर अनुप मेनन सहित नौसेना और शिपयार्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सीएसएल के प्रवक्ता के अनुसार, ‘INS माहे’ को DNV के अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत डिजाइन किया गया है। यह अब तक का नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत है जो डीजल इंजन और वाटरजेट प्रोपल्शन सिस्टम से संचालित होता है। इस तकनीक से यह जहाज उथले जल में अधिक गति, फुर्ती और परिचालन क्षमता प्रदान करता है।
78 मीटर लंबे इस युद्धपोत को एंटी-सबमरीन ऑपरेशन, माइन्स बिछाने, खोज एवं बचाव मिशन और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों के लिए तैयार किया गया है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर, एडवांस संचार प्रणालियां और कम शोर वाली तकनीकें लगाई गई हैं, जो इसे पनडुब्बी शिकार में बेहद सक्षम बनाती हैं।
‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप इस पोत में 90% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। सेंसर, मशीनरी और ऑनबोर्ड सिस्टम सभी भारतीय निर्माताओं से लिए गए हैं, जो देश की रक्षा निर्माण क्षमता की मजबूती को दर्शाते हैं।
सीएसएल प्रवक्ता ने कहा, “INS माहे की डिलीवरी भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण प्रयासों में एक और ऐतिहासिक कदम है। ASW SWC श्रृंखला के बाकी सात जहाज विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन हैं और आने वाले वर्षों में नौसेना को सौंपे जाएंगे।”
कोचिन शिपयार्ड, जो ISO 9001, 14001, 45001 और 27001 प्रमाणित है, भारत का अग्रणी शिपबिल्डिंग और रिपेयर यार्ड है। हाल ही में, इसने पेलाजिक विंड सर्विसेज के लिए कमीशनिंग सर्विस ऑपरेशन वेसल और ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए सबसे बड़ा स्वदेशी ड्रेजर भी लॉन्च किया है।
संक्षेप में: ‘INS माहे’ की डिलीवरी सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग की स्वदेशी क्षमता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।



