हनुमानगढ़ी में सनसनी: महंत को जलाने की साजिश नाकाम, आश्रम विवाद में बढ़ा तनाव

अयोध्या की पवित्र नगरी में स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर परिसर में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। परिसर के भीतर बने गोविंदगढ़ आश्रम में रहने वाले संत महेश योगी को कथित रूप से जिंदा जलाने की कोशिश की गई। संत के अनुसार शुक्रवार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे वह अपने कमरे में सो रहे थे, तभी पीछे की खिड़की की लोहे की जाली काटकर किसी ने ज्वलनशील पदार्थ से भरा आग का गोला अंदर फेंक दिया।
जैसे ही कमरे में धुआं और लपटें उठने लगीं, महेश योगी की नींद खुल गई और वह समय रहते बाहर आकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। संत ने बताया कि कमरे में फैली तेज गंध से साफ पता चलता है कि आग किसी तीव्र ज्वलनशील रसायन से लगाई गई थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फोरेंसिक विभाग ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।
“कुछ संत रच रहे हैं मेरे खिलाफ षड्यंत्र” – महेश योगी:
महेश योगी ने आरोप लगाया कि आश्रम की संपत्ति को लेकर उनके खिलाफ लंबे समय से एक सुनियोजित साजिश चल रही है। उन्होंने एक अन्य संत पर नाम लेते हुए कहा कि वही इस षड्यंत्र के पीछे हैं और पहले भी उन्हें दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में फंसाने की कोशिश की जा चुकी है।
संत का दावा है कि हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्टी से जुड़े 40 आश्रमों में से गोविंदगढ़ आश्रम के वे महंत हैं। आश्रम की संपत्ति और दान राशि को लेकर विवाद बढ़ा है—महेश योगी के अनुसार करीब दो करोड़ रुपये की अनियमितता की शिकायत भी पहले की जा चुकी है, जिसके बाद आरोपी संत को फटकार तक मिली थी।
उन्होंने कहा कि अब आश्रम पर कब्जे की नीयत से उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस इस पूरे मामले को गंभीरता से जांच रही है।



