
शोक में भी सद्भाव की अपील करने पर ट्रोलिंग का शिकार बनीं हिमांशी नरवाल, NCW ने की निंदा
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल इन दिनों पूरे देश के लिए साहस की प्रतीक बन गई हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें नफरत और ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ रहा है। अपने पति के पार्थिव शरीर के पास शांत और दृढ़ बैठी हिमांशी की तस्वीर ने करोड़ों लोगों को भावुक कर दिया। मगर जब उन्होंने हमले के बाद मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने की अपील की, तो सोशल मीडिया पर उन्हें निशाना बनाया जाने लगा।
इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी कर कहा, “लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत के बाद उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल को उनके एक बयान को लेकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर आलोचना और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।”
आयोग ने यह भी कहा कि भले ही हिमांशी के विचार सभी से मेल न खाते हों, लेकिन असहमति जताने का तरीका संविधान की मर्यादाओं के भीतर रहना चाहिए। “किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के कारण इस तरह निशाना बनाना पूरी तरह अस्वीकार्य है,” आयोग ने दोहराया।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने पूरे देश को शोक और आक्रोश से भर दिया है। लेकिन हिमांशी नरवाल के साथ हुई यह घटना यह भी याद दिलाती है कि ऑनलाइन व्यवहार की सीमाएं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और शोक संतप्त परिवारों की गरिमा जैसे मुद्दों पर अब गंभीर सोच और संवाद की आवश्यकता है।