
तेलंगाना के नागरकर्णूल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक ऑटो में 5–6 नहीं, बल्कि 22 स्कूली बच्चे ठूंसकर ले जाए जा रहे थे। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी कल्याण की नज़र जैसे ही ओवरलोडेड ऑटो पर पड़ी, उन्होंने तुरंत उसे रोककर जांच की।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में, बैग और टिफिन के साथ एक-एक कर बाहर निकलते दिखाई देते हैं—जैसे अंतहीन लाइन हो।
पुलिस ने तुरंत ऑटो को जब्त कर लिया और चालक को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मौके पर ही दो अलग-अलग वाहन मंगवाए गए ताकि उन्हें सुरक्षित घर भेजा जा सके।
बच्चों को ऑटो में क्यों ठूँसा जा रहा है?
इस घटना ने एक बड़े मुद्दे को उजागर किया—
निजी स्कूलों की महंगी बस सुविधा।
ऊंची ट्रांसपोर्ट फीस के कारण कई माता-पिता महंगी बस सेवा का खर्च नहीं उठा पाते, और मजबूरी में सस्ते साझा ऑटो का सहारा लेते हैं। यही वजह है कि कई बार इन वाहनों को खतरनाक तरीके से ओवरलोड किया जाता है।
सोशल मीडिया पर बवाल: स्कूल और ड्राइवर पर कार्रवाई की मांग:
X (ट्विटर) पर पोस्ट किए गए वीडियो ने लोगों में गुस्सा भड़का दिया। कई यूज़र्स ने कहा कि यह सिर्फ ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ है।
एक यूज़र ने लिखा:
“स्कूल बस फीस इतना महंगा है कि मिडिल क्लास मजबूरी में ऑटो चुनता है। जब तक स्कूल फीस और ट्रांसपोर्ट स्ट्रक्चर नहीं बदलेगा, ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी।”
दूसरे ने कहा:
“इतने सारे बच्चों को ऑटो में देख घबराहट होना स्वाभाविक है। शिक्षा जरूरी है, लेकिन उनकी सुरक्षा उससे भी ज्यादा।”
एक यूज़र ने चिंता जताई:
“वीडियो देखकर लगा जैसे AI जनरेटेड हो—इतने बच्चे एक छोटे ऑटो में कैसे समा सकते हैं? सोचिए, रोज़ वे कितनी परेशानी में सफर करते होंगे।”



