
देहरादून। झाझरा स्थित जनजातीय दून संस्कृति स्कूल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर की वीर अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने छात्रों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि “साइबर सुरक्षा आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी साझा करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य परखें, क्योंकि एक गलत पोस्ट देश की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।
कर्नल सोफिया ने कहा, “हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि पोस्ट पर कितने लाइक आए, बल्कि लोगों से मिलना-जुलना, हंसना और सकारात्मक सोच रखना ज्यादा जरूरी है। सैनिक सिर्फ जंग नहीं जीतते, बल्कि दिल भी जीतते हैं।” उन्होंने छात्रों को समय प्रबंधन, अनुशासन और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि छात्र जीवन के 12 वर्ष तय करते हैं कि आने वाले 50 साल कैसे होंगे।
उन्होंने उत्तराखंड को “वीरों की भूमि” बताते हुए कहा कि यह राज्य देश को बेहतरीन सैनिक और अधिकारी देता आया है। छात्रों से अपनी जड़ों पर गर्व करने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में विद्यालय की रजत जयंती भी मनाई गई। इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति डॉ. कुंवर शेखर विजेंद्र, रासबिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हिमांशु ऐरन, मेजर जनरल मोहन लाल असवाल और ब्रिगेडियर आरएस रावत सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
विंग कमांडर नुपूर जैन और प्रीति नेगी को नंदा देवी वीरता सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व सांसद तरुण विजय ने किया।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी वर्चुअल रूप से जुड़कर विद्यालय और प्रदेशवासियों को उत्तराखंड की रजत जयंती की बधाई दी। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और ग्रामीण विकास में अपनी अलग पहचान बनाई है।



