
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी ड्रोन हमले को किया नाकाम, 50 से अधिक ड्रोन मार गिराए
बुधवार देर रात पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमाओं पर — जिसमें नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा शामिल है — कई ड्रोन और गोला-बारूद हमले किए। इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 50 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया। भारतीय सेना ने साथ ही जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई कई सीज़फायर उल्लंघनों का भी जवाब दिया।
भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने L-70 गन, Zu-23mm गन, शिल्का प्रणाली और विशेष ड्रोन-रोधी तकनीकों का उपयोग करते हुए प्रतिक्रिया दी। ये हथियार प्रणालियां उधमपुर, सांबा, जम्मू, अखनूर, नागरोटा और पठानकोट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तैनात की गई थीं।
वायु रक्षा प्रणाली का मूल भाग होता है — रडार यूनिट्स, जो आकाश में दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। इन्हें शुरुआती चेतावनी प्रणालियों और कमांड सेंटरों द्वारा सहयोग दिया जाता है, जो डाटा प्रोसेस कर त्वरित प्रतिक्रिया आदेश जारी करते हैं। विभिन्न दूरी और क्षमताओं वाले सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल (SAMs) का उपयोग कर खतरों को निष्क्रिय किया जाता है। इनमें से कई प्रणालियां मोबाइल प्लेटफॉर्म्स पर होती हैं, जिससे इन्हें आवश्यकता अनुसार त्वरित रूप से तैनात किया जा सकता है।
वायु रक्षा प्रणाली क्या होती है?
वायु रक्षा प्रणाली एक सैन्य संरचना है जो ड्रोन, हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान और मिसाइल जैसे हवाई खतरों की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करने के लिए तैयार की जाती है। ये प्रणालियां रडार और सेंसर नेटवर्क्स के ज़रिए वास्तविक समय में खतरे की पहचान करती हैं और तुरंत जवाब देने की क्षमता रखती हैं।