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सोमनाथ में प्रशासन की डिमोलिशन ड्राइव पर बवाल, दरगाह हटाने पहुँची टीम पर पथराव — 17 नामजद, 100 अज्ञात पर केस दर्ज

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गुजरात के गिर सोमनाथ ज़िले के प्रभास पाटण में प्रशासन की मेगा डिमोलिशन ड्राइव के दौरान सोमवार शाम तनाव भड़क गया। सरकारी भूमि पर बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई के बीच हजरत रंगीलाशाह दरगाह को हटाने पहुँची टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया। भीड़ में बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चे शामिल थे। पथराव में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिसके बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज और आँसू गैस का इस्तेमाल किया।

जानकारी के अनुसार, प्रशासन लंबे समय से सोमनाथ क्षेत्र में अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चला रहा है। इसी कड़ी में 10 नवंबर को शंख सर्कल के पास 11 अवैध निर्माणों को गिराने की योजना थी, जिनमें कुछ दुकानें, मकान और धार्मिक स्थल शामिल थे। जैसे ही टीम गैरकानूनी दरगाह हटाने पहुँची, आसपास से लोग जमा हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

पुलिस के मुताबिक़, 80 से 100 लोगों की भीड़ ने अचानक पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इससे प्रभास पाटण पुलिस स्टेशन के पीआई एम.वी. पटेल और हेड कॉन्स्टेबल कुलदीपसिंह परमार घायल हुए। बाद में पुलिस ने स्थिति काबू में लेकर भीड़ को तितर-बितर किया।

हमले के बाद प्रभास पाटण थाने में 17 नामजद और करीब 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें रफीक गढ़िया, शबाना हारुन मोठिया, रजिया हुसैन कालवात, साकील उर्फ भूरो और अन्य नाम शामिल हैं। मुकदमा BNS की विभिन्न धाराओं और गुजरात पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता डिप्टी मामलतदार रणजीतसिंह खेर के अनुसार, प्रशासनिक टीम सरकारी काम के तहत अवैध दरगाह हटाने पहुँची थी, लेकिन भीड़ ने जानबूझकर सरकारी काम में बाधा डालते हुए पथराव किया। उन्होंने कहा कि “हमारी टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई पूरी की और अवैध ढाँचा ध्वस्त किया गया।”

फिलहाल क्षेत्र में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और फरार आरोपितों की तलाश जारी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी रहेगी और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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