पुतिन का भारत दौरा शुरू: रणनीतिक साझेदारी, बड़े समझौते और शिखर सम्मेलन पर दुनिया की नजर

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बहुप्रतीक्षित भारत दौरा आज से शुरू हो रहा है। पुतिन 4 और 5 दिसंबर को नई दिल्ली में रहेंगे। वह आज शाम लगभग 6 से 7 बजे के बीच आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। उनके साथ सात मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल, रूसी सेंट्रल बैंक की प्रमुख एल्विरा नबीउलिना, और कई शीर्ष उद्योगपति जैसे इगोर सेचिन भी भारत आ रहे हैं।
इस दौरे के दौरान पुतिन 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, अंतरिक्ष और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। पुतिन नए अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल RT India के लॉन्च कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच पुतिन की यह यात्रा भारत–रूस रणनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।
पहला दिन: आज का कार्यक्रम:
राष्ट्रपति पुतिन शाम 7 बजे के आसपास दिल्ली पहुंचेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 लोक कल्याण मार्ग पर उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज (Private Dinner) की मेजबानी करेंगे। यह दौरा दोनों देशों के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक भी माना जा रहा है।
>पुतिन इससे पहले 2022 में भारत आए थे।
>दूसरा दिन: 5 दिसंबर का विस्तृत कार्यक्रम
>अगली सुबह पुतिन का राष्ट्रपति भवन में त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ औपचारिक स्वागत होगा। इसके बाद वे राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
सुबह 11 बजे, हैदराबाद हाउस में मोदी–पुतिन शिखर वार्ता होगी। इस बैठक में रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, व्यापार विस्तार, तकनीकी सहयोग, और अंतरिक्ष परियोजनाओं पर अहम समझौते होने की उम्मीद है। बैठक के बाद दोनों नेता एक संयुक्त बयान जारी करेंगे।
भारत–रूस बिजनेस फोरम:
शाम 4 बजे दोनों नेता भारत मंडपम में आयोजित भारत–रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे। वे उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मिलकर व्यापार और निवेश संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देश एक लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के करीब हैं, जिसके तहत भारत के कुशल और अर्ध–कुशल कर्मचारियों को रूस में निर्माण, स्वास्थ्य सेवा और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम करने का अवसर मिलेगा।
इसके साथ ही,
>यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ संभावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट,
>सिविल न्यूक्लियर सहयोग,
>रूसी सेना में तैनात भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी, और रक्षा साझेदारी को मजबूत करना जैसे विषय भी चर्चा के केंद्र में रहेंगे।



