उत्तराखंड सरकार का सख्त रुख: देवभूमि के मूल स्वरूप की रक्षा के लिए ‘लैंड जिहाद’ पर कड़ी निगरानी
देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्य के सांस्कृतिक और धार्मिक स्वरूप की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा कि “देवभूमि के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ‘लैंड जिहाद’ की हर कोशिश नाकाम की जाएगी।”
राज्य सरकार द्वारा बीते कुछ महीनों में कई ज़िलों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाए गए हैं, जिनमें सरकारी और धार्मिक स्थलों की जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया है। प्रशासन का कहना है कि विशेष रूप से धार्मिक स्थलों के आसपास किसी भी प्रकार के संदिग्ध निर्माण को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- ‘लैंड जिहाद’ के नाम पर जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई तेज़
- धार्मिक स्थलों, मंदिर परिसरों और गौचर भूमि की निगरानी बढ़ाई गई
- जिलों में गठित की गईं विशेष जांच टीमें
- अवैध निर्माण और फर्जी दस्तावेज़ों पर होगी कठोर कार्रवाई
मुख्यमंत्री धामी ने कहा:
“उत्तराखंड सिर्फ एक राज्य नहीं, आस्था का केंद्र है। हम देवभूमि की पवित्रता को बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।”
सरकार द्वारा यह भी संकेत दिए गए हैं कि इस विषय पर एक व्यापक नीति बनाई जा रही है, जिसमें भूमि की खरीद-फरोख्त पर सख्त नियम लागू किए जाएंगे और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान के लिए डिजिटल मैपिंग और सत्यापन अभियान शुरू होगा।



