
देहरादून, 8 अप्रैल: केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग मंगलवार से शुरू हो रही है। लेकिन इसके साथ ही साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया पेजों के जरिए श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है।
पिछले साल साइबर पुलिस ने 85 फर्जी वेबसाइट और 45 फर्जी फेसबुक पेज बंद कराए थे। इनमें से अधिकतर साइटें बिल्कुल असली वेबसाइट जैसी दिखती थीं और लोगों को भ्रमित करके उनसे हेली सेवा बुकिंग के नाम पर हजारों रुपये ठग लिए गए।
2023 में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज
साल 2023 में इस तरह की ऑनलाइन ठगी से संबंधित 40 से ज्यादा मामले उत्तराखंड के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए थे। ठगों द्वारा लोगों को नकली टिकट तक भेजे गए। अधिकांश पीड़ित उत्तराखंड के बाहर के राज्य से थे, जो असल वेबसाइट की पहचान नहीं कर पाए।
इस बार साइबर पुलिस पहले से सतर्क
इस बार धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए साइबर थाने में चार अधिकारियों की विशेष टीम बनाई गई है, जिसकी निगरानी सीओ साइबर अंकुश मिश्रा कर रहे हैं। यह टीम लगातार इंटरनेट और सोशल मीडिया पर नजर रखेगी, ताकि फर्जी वेबसाइट और पेजों को समय रहते बंद कराया जा सके।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर के अनुसार, इस बार शुरुआत से ही निगरानी बढ़ा दी गई है और अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने के लिए ऑनलाइन अभियान भी चलाए जाएंगे।
केवल IRCTC वेबसाइट से करें बुकिंग
सरकार ने पिछले वर्ष से IRCTC को हेली टिकट बुकिंग का जिम्मा सौंपा है। इस साल भी बुकिंग केवल www.heliyatra.irctc.co.in वेबसाइट के माध्यम से ही होगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस वेबसाइट पर कोई मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं है, जबकि फर्जी साइट्स मोबाइल नंबर के जरिए लोगों को फंसाने की कोशिश करती हैं।
ठगी का तरीका
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असली कंपनियों के लोगो और नाम का इस्तेमाल
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असली जैसी दिखने वाली वेबसाइट
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नकली साइट पर फर्जी मोबाइल नंबर
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ठगी के बाद फर्जी टिकट भेजना
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छूट और ऑफर के नाम पर लोगों को फंसाना
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असल पेमेंट गेटवे की बजाय पर्सनल खातों में पैसा लेना
सावधान रहें, सुरक्षित रहें
श्रद्धालुओं से अपील है कि केवल अधिकृत वेबसाइट से ही टिकट बुक करें और किसी भी सोशल मीडिया विज्ञापन या अनजान लिंक पर क्लिक न करें। साइबर ठगी से बचाव के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।