
अंकिता हत्याकांड: 32 महीने बाद तीनों आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
कोटद्वार, 30 मई 2025 — उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में 32 महीने बाद कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने वनंत्रा रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक आरोपी पर ₹50,000 का अर्थदंड और अंकिता के परिजनों को ₹4 लाख मुआवज़ा देने का आदेश भी दिया गया।
न्याय की राह लंबी रही
18 सितंबर 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। घटना के एक सप्ताह बाद उसका शव बरामद हुआ था। 30 जनवरी 2023 को इस मामले में पहली सुनवाई शुरू हुई थी, और लगभग दो साल आठ महीने की सुनवाई के बाद आज फैसला आया है।
गवाही और जांच का विवरण
एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए, जिनमें से 47 गवाहों को अदालत में परीक्षित किया गया। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की दलीलों का मजबूती से जवाब दिया।
कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट परिजन
हालांकि अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन अंकिता के माता-पिता इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिन्हें हमारी बेटी को मौत दी, उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। “हम चाहते थे कि हमारे जीते जी इन हत्यारों को फांसी की सजा मिलती,” उन्होंने कहा। परिजन अब हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी में हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
फैसले के दिन कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई और चार मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई थी। फैसले से पहले भी भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया।
घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण:
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18 सितंबर 2022: अंकिता की हत्या, शव चीला नहर में फेंका गया।
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22 सितंबर 2022: मामला राजस्व पुलिस से नियमित पुलिस को सौंपा गया।
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23-24 सितंबर 2022: आरोपियों की गिरफ्तारी, शव बरामद, पोस्टमार्टम और एसआईटी गठन।
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16 दिसंबर 2022: चार्जशीट दाखिल।
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30 जनवरी 2023: अदालत में पहली सुनवाई।
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30 मई 2025: फैसला सुनाया गया – दोष सिद्ध, उम्रकैद की सजा।