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भारत विरोधी हमलों के लिए पाकिस्तान को हथियार और ड्रोन दे रहा तुर्की, भारतीयों ने किया 4000 करोड़ के पर्यटन खर्च के बाद बहिष्कार शुरू!!

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ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की की भागीदारी का खुलासा, दो तुर्की सैनिक ढेर — भारत में तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ बहिष्कार अभियान तेज

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दो तुर्की सैनिकों के मारे जाने की खबर से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में तुर्की की सीधी भागीदारी थी। इंडिया टुडे टीवी को खुफिया सूत्रों ने बताया कि तुर्की ने पाकिस्तान को 350 से अधिक कॉम्बैट ड्रोन न केवल सप्लाई किए, बल्कि अपने सैन्य ऑपरेटर्स और सलाहकारों को भी तैनात किया जो हमलों का समन्वय कर रहे थे।

सूत्रों के मुताबिक, तुर्की के सैन्य सलाहकारों ने पाकिस्तानी सेना को भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमलों में सहायता प्रदान की। इनमें मुख्य रूप से Bayraktar TB2 और YIHA मॉडल के ड्रोन शामिल थे, जिन्हें लक्ष्य पहचान के साथ-साथ आत्मघाती (कमीकाज़े) हमलों के लिए भी प्रयोग किया गया — खासतौर पर अग्रिम चौकियों और लॉजिस्टिक काफिलों को निशाना बनाने के लिए।

इस खुलासे से अंकारा और इस्लामाबाद के बीच तेजी से गहराते रणनीतिक और सैन्य रिश्तों की पुष्टि होती है। हाल के वर्षों में तुर्की पाकिस्तान का एक प्रमुख रक्षा साझेदार बनकर उभरा है, जो उसे उन्नत हथियार प्रणाली और युद्ध प्रशिक्षण दोनों प्रदान करता है। भारत लंबे समय से इस गठजोड़ को लेकर चिंतित रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ व्यापक बहिष्कार अभियान शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey, #BoycottAzerbaijan और #BoycottTurkeyAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। हजारों यूजर्स ने अपनी तुर्की-अजरबैजान यात्राएं रद्द कर वैकल्पिक स्थलों जैसे ग्रीस और आर्मेनिया को प्रमोट करना शुरू कर दिया है।

ट्रैवल वेबसाइट्स और एयरलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स पर तुर्की और अजरबैजान की यात्रा को लेकर रद्दीकरणों में तेज़ उछाल देखा गया है। कई ट्रैवल एजेंसियों ने इन देशों के लिए बुकिंग रोक दी है। इंडिगो एयरलाइंस को भी निशाने पर लिया गया है, क्योंकि उसका Turkish Airlines के साथ कोडशेयर समझौता जारी है।

यह बहिष्कार अभियान जनवरी 2024 में हुए मालदीव विवाद से तुलना पा रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के कुछ नेताओं ने नस्लभरी टिप्पणियां की थीं। इसके बाद भारत में मालदीव के पर्यटन का बड़े पैमाने पर बहिष्कार हुआ, जिससे वहां की पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था। अब वैसा ही असर तुर्की और अजरबैजान की यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है।

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