2036 तक चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाएंगे चीन और रूस, 2030 तक चीन भेजेगा अंतरिक्ष यात्री!!

2036 तक चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाएंगे चीन और रूस, 2030 तक चीन भेजेगा अंतरिक्ष यात्री
चीन और रूस ने चांद पर एक न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने के लिए समझौता किया है, जो कि इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन (ILRS) को ऊर्जा प्रदान करेगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना 2036 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
दोनों देशों ने हाल ही में एक सहयोग ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जो चंद्रमा पर रिएक्टर निर्माण की दिशा में पहला कदम है। यह रिएक्टर चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करेगा — एक लक्ष्य जिसे चीन और अमेरिका अलग-अलग तरीके से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह समझौता चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मास्को यात्रा के दौरान किया गया, जहां चीन की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (CNSA) और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने ILRS परियोजना के तहत चंद्रमा पर बिजली संयंत्र बनाने की योजना को अंतिम रूप दिया।
रोस्कोस्मोस ने बयान में कहा, “रूसी पावर प्लांट, इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन परियोजना में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।”
इस परियोजना के तहत चीन और रूस चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक स्थायी अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जहां बुनियादी अंतरिक्ष अनुसंधान और मानव उपस्थिति के लिए जरूरी तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। रोस्कोस्मोस ने बताया कि अब तक 13 देश इस परियोजना में शामिल हो चुके हैं।
चीन का लक्ष्य है कि 2030 तक उसके अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरें और रिसर्च स्टेशन के निर्माण में भाग लें।